Ganesh Chaturthi
गणेश चतुर्थी!!
गणेश चतुर्थी जिसको हम विनायका चतुर्थी भी कहते हैं,यह एक प्रकार का हिंदू फेस्टिवल है,जो कि भगवान गणेश जी के अपनी माता पार्वती जी के साथ में कैलाश पर्वत से धरती में आने के उपलक्ष में मनाया जाता है, इस त्योहार में लोग अपने घरों में गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करते हैं, पब्लिकली इसकी शुरुआत बाल गंगाधर तिलक जिनको हम लोकमान्य तिलक जी कहते हैं, इन्होंने 1893 में पुणे से की थी,इस त्यौहार में लोग व्रत रखते हैं, गणेश जी की पूजा आरती की जाती है,वैदिक मंत्र बोले जाते हैं,और प्रसाद वितरण किया जाता है, प्रसाद में मिठाइयां और मोदक बांटे जाते हैं, ऐसा माना जाता है कि मोदक भगवान गणेश जी को बहुत प्रिय है, यह त्यौहार गणेश जी की स्थापना से लेकर 10 में दिन तक चलता है,आखिरी दिन नाच गाने के साथ में भगवान गणेश जी की झांकियां निकाली जाती है,और उनका विसर्जन आसपास की नदी मे किया जाता है,भगवान गणेश जी की प्रतिमा पानी मे मिल जाती है, और ऐसा माना जाता है कि भगवान अपने कैलाश वापस चले गए|
भगवान गणेश जी को रिद्धि सिद्धि के दाता माना गया है, हिंदुओं में ऐसा माना जाता है,कि भगवान गणेश जी की प्रार्थना करने से सभी काम विघ्न बाधा हटते हुए सफलतापूर्वक पूरे हो जाते हैं,इसलिए इन्हें विघ्नहर्ता भी कहा गया है, गणेश चतुर्थी पूरे इंडिया में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है|
Other Name chavithi/Chauthi/Ganeshostav
Observed by Hindus
Type Religious
Begins Bhadrapada Shukla Chaturthi
Ends 11th Day after the start
2021Date 10 sep(Friday)
Celebration in India:-
पूरे इंडिया में गणेश चतुर्थी लोग अपने घरों में मनाते हैं,और पब्लिकली भी ग्रुप या कम्युनिटी में भगवान गणेश जी की प्रतिमा स्थापित की जाती है, महाराष्ट्र,मध्य प्रदेश, करनाटका,गोवा, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश सभी जगह गणेश उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है|
प्रसिद्ध मंदिर:-
आंध्र प्रदेश के कनिपक्कम में स्थित वारासिद्धि विनायका स्वामी टेंपल
मे ब्राह्मोटसवं (brahmotsavams) हर साल मनाया जाता है,यह त्यौहार 21 din मनाया जाता है, इसकी शुरुआत गणेश चतुर्थी के दिन से की जाती है, इस त्यौहार को सेलिब्रेट करने के लिए पूरे इंडिया से तीर्थयात्री एकत्रित होते हैं|
घरों में:-
महाराष्ट्र में से गणेशोत्सव के नाम से भी जाना जाता है,लोग अपने घर में भगवान गणेश जी की मूर्ति स्थापित करते हैं, फल,फूल दूबा चढ़ाते हैं, प्रसाद में मोदक और गुजिया चढ़ाए जाते हैं, लोग सुबह और शाम को स्नान करके भगवान की पूजा करते हैं, पूजा में वैदिक मंत्र बोले जाते हैं, हवन किया जाता है,पूजा खत्म होने के बाद गणेश जी की आरती की जाती है,महाराष्ट्र में मराठी आरती " सुखकर्ता दुखहर्ता " जो कि 17 सेंचुरी में संत समर्थ रामदास जी के द्वारा गाई गई थी गाई जाती है|
गोवा में गणेश चतुर्थी को चावट (chavath) कहते हैं,चावट एक कोंकणी (konkani) भाषा का शब्द है,या फिर उसको त्योहारों का त्यौहार मानते हैं, यहां पर सेलिब्रेशन भाद्रपद के चंद्रमास के 3 दिन से स्टार्ट होती है,यहां पर औरतें भगवान शंकर जी और पार्वती जी की पूजा करती हैं, और उपवास रखती हैं, यहां पर रिती रिवाज में घुमठ झांझर पखावज आदि वाद्य यंत्र बनाए जाते हैं|
कर्नाटक में गणेश चतुर्थी के पहले गौरी पूजा की जाती है, आंध्र प्रदेश में हर जगह जी की प्रतिमा स्थापित की जाती है,आंध्र प्रदेश में हल्दी के गणेश जी की प्रतिमा बनाई जाती है, जिसको सिद्धिविनायक कहते हैं|
Celebration Outside India :-
पाकिस्तान मैं गणेश चतुर्थी श्री महाराष्ट्र पंचायत के थ्रू कंडक्ट की जाती है,जो कि कराची में रहने वाले महाराष्ट्रीयन के द्वारा संचालित की जाती है|
U. K. में गणेश चतुर्थी ब्रिटिश हिंदू पॉपुलेशन के थ्रू मनाई जाती है, हिंदू कल्चर एंड हेरीटेज सोसायटी साउथहाल ऑर्गेनाइजेशंस के थ्रू मनाई जाती है|
नॉर्थ अमेरिका में यह त्यौहार Philadelphia Ganesh Festival के नाम से मनाया जाता है, कैनेडा मलेशिया सिंगापुर और मॉरीशस मैं भी यह फेस्टिवल मनाया जाता है, सिंगापुर और मलेशिया में इस फेस्टिवल को विनयागर चतुर्थी के नाम से जाना जाता है|
घना में इसे एथनिक अफ्रीकन हिंदुओं के थ्रू मनाया जाता है,
पूरे वर्ल्ड में ही गणेश चतुर्थी को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है|
FOOD:-
गणेश उत्सव में मोदक का भोग लगता है ऐसा माना जाता है,कि यह भगवान गणेश जी को बहुत प्रिय है, मोदक एक प्रकार का गुलगुला है, पकौड़ी (Dumpling )है,मोदक चावल या गेहूं के आटे का बनता है, इसके अंदर नारियल ड्राई फ्रूट्स आदि की फिलिंग की जाती है, फिर इसको स्टीमड या फ्राई किया जाता है,गुजिया भी भगवान के भोग में यूज़ की जाती है|
Environmental Impact:-
मद्रास हाई कोर्ट ने 2004 में गणेश जी की प्रतिमा को पानी में विसर्जित करने से रोक लगा दी थी,क्योंकि इससे केमिकल उत्पन्न होते हैं,जो कि पानी को प्रदूषित करते हैं, गोवा सरकार ने भी प्लास्टर ऑफ पेरिस से बने हुए गणेश जी की प्रतिमा पर रोक लगा दी थी, प्लास्टर ऑफ पेरिस की वजह हैंड मेड क्ले से बने हुए गणेश जी की प्रतिमा को बढ़ावा दिया गया|
गुजरात सरकार ने भी प्रदूषण को रोकने के लिए गाय के गोबर और clay को मिक्स करके गणेश जी की मूर्ति बनाने पर जोर दिया|
प्रदूषण को रोकने के लिए आजकल बहुत सारी फैमिली ने क्ले से बने हुए गणेश जी की प्रतिमा पर जोर दिया है,clay से बने हुए गणेश जी की प्रतिमा को लोग अपने घरों में ही पानी में डालकर रख देते हैं,फिर जब मिट्टी घुल जाती है तो उसको अपने गार्डन में यूज कर लेते हैं|
आजकल बड़े शहरों में इको फ्रेंडली गणेश जी की प्रतिमा का भी चलन होता जा रहा है|
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